वायुमंडल की परतें को याद करने का सबसे आसान ट्रिक ~ Examdhaba

Friday, 9 June 2017

वायुमंडल की परतें को याद करने का सबसे आसान ट्रिक

GK Trick in Hindi : 
नमस्कार दोस्तो,  वायुमंडल की परतों से संबंधित बहुत से Question अक्सर Exam में आते रहते है ! लेकिन हम अक्सर भूल जाते है कि कौन सी परत पहले है और कौन सी बाद में !
तो आज हम आपको वायुमंडल की परतों को क्रमबद्ध ( ऊपर से नीचे की ओर ) तरीके से याद रखने की ट्रिक बताऐंगे !


तो चलिये शुरु करते है –

GK TRICK – 

” छोड सबको में आया बाहर “

Explanation :

छोड                           – छोभ मंडल
सबको                        – समताप मंडल
में                               – मध्य मंडल
आया                          – आयन मंडल
बाहर                          – बाहय मंडल

तो अब आप इससे संबंधित Question कभी नहीं भूलेंगें !




वायुमंडल की परतों से संबंधित अन्य तथ्य –

1-क्षोभमण्डल 

►यह मण्डल जैव मण्डलीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मौसम संबंधी सारी घटनाएं इसी में घटित होती हैं।
►प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर वायु का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस की औसत दर से घटता है। इसे सामान्य ताप पतन दर कहते है।
►इस मण्डल की सीमा विषुवत वृत्त के ऊपर 18 किमी की ऊंचाई तक तथा ध्रवों के ऊपर लगभग 8 किमी तक है।

2-समतापमण्डल

►इसकी मोटाई 50 किमी से 55 किमी तक है।
►इस मण्डल में तापमान स्थिर रहता है तथा इसके बाद ऊंचाई के साथ बढ़ता जाता है।
►समताप मण्डल बादल तथा मौसम संबंधी घटनाओं से मुक्त रहता है।
►इस मण्डल के निचले भाग में जेट वायुयान के उड़ान भरने के लिए आदर्श दशाएं हैं।
►इसकी ऊपरी सीमा को ‘स्ट्रैटोपाज’ कहते हैं।
►इस मण्डल के निचले भाग में ओज़ोन गैस बहुतायात में पायी जाती है। इस ओज़ोन बहुल मण्डल को ओज़ोन मण्डल कहते हैं।
►ओज़ोन गैस सौर्यिक विकिरण की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को सोख लेती है और उन्हें भूतल तक नहीं पहुंचने देती है तथा पृथ्वी को अधिक गर्म होने से बचाती हैं।

3-मध्य मण्डल 

►इसका विस्तार 50-55 किमी से 80 किमी तक है।
►इस मण्डल में तापमान ऊंचाई के साथ घटता जाता है तथा मध्यमण्डल की ऊपरी सीमा मेसोपाज पर तापमान 80 डिग्री सेल्सियस बताया जाता है।

4-आयन मण्डल 

►इस मण्डल में ऊंचाई के साथ ताप में तेजी से वृद्धि होती है।
►आयन मण्डल, तापमण्डल का निचला भाग है जिसमें विद्युत आवेशित कण होते हैं जिन्हें आयन कहते हैं।
►ये कण रेडियो तरंगों को भूपृष्ठ पर परावर्तित करते हैं और बेतार संचार को संभव बनाते हैं।

5-बाह्यमण्डल

►इसे वायुमण्डल का सीमांत क्षेत्र कहा जाता है। इस मण्डल की वायु अत्यंत विरल होती है।


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